22 जुलाई 2025 की शाम देश की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ जब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और यह भी लिखा कि डॉक्टरों की सलाह पर वे तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।
यह फैसला ठीक उसी दिन आया, जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था और वे बतौर राज्यसभा सभापति कई बैठकों में भाग लेने वाले थे। उनके इस अचानक फैसले से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा। इस अनुच्छेद के अनुसार, उपराष्ट्रपति अपने पद से हटना चाहें तो राष्ट्रपति को लिखित रूप में इस्तीफा दे सकते हैं।
उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया, और इसी के साथ उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक राज्यसभा के उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई वरिष्ठ सदस्य राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करेगा।
हालांकि धनखड़ का स्वास्थ्य पिछले कुछ महीनों से चर्चा में था — मार्च 2025 में उन्होंने AIIMS, दिल्ली में एंजियोप्लास्टी करवाई थी। इसके बाद भी वे कई कार्यक्रमों में थके हुए नज़र आए थे।
लेकिन सिर्फ स्वास्थ्य को कारण मान लेना सभी को संतोषजनक नहीं लग रहा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने टिप्पणी की:
“इस्तीफा जितना अचानक आया है, उतना ही रहस्यमय भी है। कहीं ये सिर्फ स्वास्थ्य की बात नहीं है।”
धनखड़ अपने पूरे कार्यकाल में विपक्ष के निशाने पर रहे। उनके कई बयानों ने राज्यसभा में बहस और टकराव को जन्म दिया। यहां तक कि उनके खिलाफ इमपीचमेंट प्रस्ताव भी लाया गया था — जो भारत के इतिहास में पहली बार हुआ।
हालांकि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने यह प्रस्ताव तकनीकी आधार पर अस्वीकार कर दिया था।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा व राज्यसभा) के निर्वाचित और नामित सदस्यों द्वारा किया जाता है।
गोपनीय मतदान होता है।
प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन (अनुपातिक प्रतिनिधित्व) के तहत होता है।
सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली से वोट डाले जाते हैं।
भारत का नागरिक होना चाहिए।
न्यूनतम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
राज्यसभा सदस्य बनने की पात्रता होनी चाहिए।
सरकार में कोई लाभ का पद न हो।
एनडीए (NDA) के पास संसद में बहुमत है, इसलिए नया उपराष्ट्रपति उसी खेमे से आने की संभावना है।
हरिवंश नारायण सिंह – वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं और सरकार के करीबी माने जाते हैं।
अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता – जो संगठन में सक्रिय हैं और व्यापक स्वीकृति रखते हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार:
“हम ऐसा नाम तलाश रहे हैं जो संविधान का सम्मान करे और देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करे।”
भारत के इतिहास में धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा है।
नाम | वर्ष | कारण |
---|---|---|
वी.वी. गिरि | 1969 | राष्ट्रपति चुनाव के लिए |
भैरों सिंह शेखावत | 2007 | चुनाव हारने के बाद |
जगदीप धनखड़ | 2025 | स्वास्थ्य कारणों से (बताया गया) |
धनखड़ का इस्तीफा केवल एक स्वास्थ्य मामला है या कोई राजनीतिक संकेत, यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी। लेकिन उनकी टाइमिंग, संसद सत्र की शुरुआत और बीते विवादों को देखते हुए यह एक बहुस्तरीय राजनीतिक घटनाक्रम भी हो सकता है।
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि नया उपराष्ट्रपति कौन होगा और क्या वह सदन में संतुलन और गरिमा बनाए रख पाएगा?
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